दस घंटे लाइन में खड़े रहकर तीन शराब की बोतले खरीदने पे कीमती लाल का उसके मोहल्ले में हुआ जोरदार स्वागत
दिल्ली: सरकार की तरफ से जैसे ही ऑर्डर आया कि शराब की दुकानें खुली रहेगी यह सुनकर कीमती लाल में जैसे जान ही आ गई थी,कीमती लाल दिल्ली का रहने वाला है और शराब कि दुकानें उसके घर से 100km दूरी पर थी पर कीमती लाल की बैचानी के पीछे 100km की दूरी भी रुकावट ना बन सकी ,कीमती लाल के पास पैसे भी खत्म हो चुके थे लॉकडाउन के चलते,कीमती लाल साईकिल का पंक्चर लगाने का काम करता है पर लॉकडाउन के चलते सब बन्द है और कीमती जिसको शराब की लत भी है पर लॉकडाउन के चलते उसको शराब नहीं मिल पा रही थी और उसने बहुत कोशिश की शराब कही ना कहीं से मिल जाए पर कही से कोई जुगाड ना हो पा रहा था,कीमती लाल ने हमारे संवादाता को बताया भावुक होते हुए कि एक दिन उसको उसके दोस्त सतपाल का फोन आया और उसने बताया कि उसके पास एक बोतल है शराब की, कीमती लाल पुलिस से बचते बचाते अपने दोस्त के घर पहुंचा शराब की बोतल लेने और बोतल ले भी ली थी पर जैसे ही वापिस आ रहा था तो रात हो चुकी थी और कुत्ते पीछे पड़ गए और उनसे बचने की कोशिश में बोतल टूट गई और कीमती लाल ने कहा उसने उस रात खाना तक नहीं खाया और रोता रहा पूरी रात को और तब से दिन रात कभी छत के ऊपर और कभी घर के अंदर ही टहलता रहता हूं यह सोचकर की कोई खुदा का बंदा फोन कर दे और बोले बोतल का जुगाड हो जाएगा पर बहुत दिन हो गए थे कही से भी कोई फोन नहीं आया और कीमती लाल ने आगे बताते हुए कहा कि उसने हार भी मान ली थी पर एक दिन वह सो रहा था तो कुछ आवाजे सुनाई दी कि "शराब की दुकानें खुल गई ,शराब की दुकानें खुल गई" पहले मुझे विश्वास नहीं हुआ और मैंने झटपट टीवी ऑन कर दिया और वहा न्यूज़ देखकर पता चला कि न्यूज़ सच है और वह न्यूज़ सुनकर ऐसा लग रहा था जैसे भगवान ने बिना तपस्या किए वरदान दे दिया हो ,शराब की दुकानें फिर से बन्द ना हो जाए इसी डर से मैंने ठान लिया जब तक शराब कि बोतले नहीं लूंगा तब तक घर वापिस नहीं जाऊंगा
फिर क्या था कीमती लाल ने अपनी साईकिल ली और मोहल्ले वालो से पैसे का जुगाड किया और एक दिन पहले ही शराब कि बोतले लेने निकल पड़ा और उसने हमारे संवादाता प्रणव गोस्वामी को बताया साहब मुझे लगता था कि मैं ही पहला इंसान था जो सबसे पहले शराब लेने पहुंचा हूं मगर वहां पहुंचकर पता चला कि 8-10 दूसरे लोग भी अपना बोरिया बिस्तर लेके पहुंचे हुए थे और हम सब लोग पूरी रात जागते रहे और एक दूसरी की दुख भरी बातें सुनते रहे जो सबने गुजारी थी बिना शराब के,दूसरे दिन जैसे ही शराब की दुकान खुली तो मेरा नंबर 11 था ,पर सिर्फ 10 लोगों को ही 10 घण्टे लग गए शराब लेने में वह सब लोग ट्रक भर भर के शराब लेके गए पर मैंने सिर्फ 3 बोतल ली और मुझे बहुत खुशी थी ,कीमती लाल ने आगे गर्व से बताते हुए कहा कि उसके इस साहसी कदम को देखते हुए उसको कोरोन्ना वॉरियर्स कहकर मोहल्ले वालो ने उसका फूलों की बर्षा करके स्वागत किया
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