Saturday, May 9, 2020

मार्क ज़ुकेरबर्ग ने की जम्मू के मास्टरशेफ्स की प्रशंशा ,कहा ऐसा टैलेंट कही कही ही देखने को मिलता है


मार्क ज़ुकेरबर्ग ने की जम्मू के मास्टरशेफ्स की प्रशंशा ,कहा ऐसा टैलेंट कही कही ही देखने को मिलता है





जम्मू : लोकदोन  की वज़ह से जहां लोगो को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है वहीं जम्मू में बहुत से लोगो के लिए यह एक टैलेंट दिखाने का मौका जैसा आ गया हो,बहुत से लोगो ने मस्टर्चेफ बनने का थान लिया और लोगो ने इतनी रेसिपीज बना डाली जितनी पूरे विश्व में ना बनी हो और लोगो ने अपने दोस्तो ,रिश्तेदारों को भी प्रेरित करा रेसिपीज बनानें के लिए और अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स को लोगो ने डिशेस की फोटोस से भर दिया इस पे मार्क जुकरबर्ग ने जम्मू के लोगो का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जम्मू के लोगो की वजह से उन्होंने भी राजमा चावल बनाना सीखा

हमारे संवादाता ने जम्मू के कुछ लोगो से बात की और उनसे जाना कि डिशेज बनाने के लिए उन्हें कहा से प्रेरेना मिली ,एक युवती जिसका नाम     हेजल है और वह तीस वर्षीय है, उसने हमारे संवादाता से बात करते हुए बताया कि वह हमेशा लोगो को कुछ ना कुछ बनाते हुए देखते रहती थी अपने सोशल मीडिया पर और शुरुआत में मुझे बहुत गुस्सा आता था और मैं सोचती थी कि लोग इतने वेल्ले है जो हमेशा कुछ ना कुछ बनाते रहते है जब लोक्डाउन बढ़ गया तो मुझे घर में गुटन होने लगी और मुझे भी एहसास हुए कि मैं भी वेली ही हूं तो मैंने भी एक दिन भांग का समोसा बनाया जिसको खाके सबको अच्छा लगा और सब झूमने लगे और मेरी तारीफ की सबने और मुझे बड़ा अच्छा लगा और फिर मैंने शराब के कबाब बनाए जिसको सबने बहुत पसंद किया और वोह पूरे दिन सोए रहे जिससे सबका टाइम पास हो गया और दिन अच्छे से निकल गया ,हेजल ने आगे कहा कि अब तो घरवाले मुझे खुद धके मारके रसोई में भेजते है और कहते है बना कोई भांग और शराब जैसी डिशेज ,अब मैंऐसे ही अपना समय व्यतीत कर रही है

Friday, May 8, 2020

जम्मू :डोगरी भाषा को प्रोमोट करते करते अंग्रजी भाषा को भी प्रोमोट करता रहा सीटू नाम का व्यक्ति जम्मू में,जिसपे लॉर्ड मैकाले के पोते ने खुशी जाहिर की




जम्मू :डोगरी भाषा को प्रोमोट करते करते अंग्रजी भाषा को भी प्रोमोट करता रहा सीटू नाम का व्यक्ति जम्मू में,जिसपे लॉर्ड मैकाले के पोते ने खुशी जाहिर की


हमारे संवादाता सौरव गांगुली ने लॉर्ड मैकाले के पोते से बात की और जाना की उनको कैसे लग रहा है यह जानकर कि अंग्रेज़ी का विस्तार अच्छे से हो रहा पूरे विश्व में,लॉर्ड मैकाले के पोते लॉर्ड वरुण धवन ने बताया कि "दादा जी की दिल्ली ख्वाहिश थी कि अंग्रेज़ी का विस्तार पूरे विश्व में होता रहे अच्छे से ,दादा जी जहां भी जाते थे वह इंग्लिश में लिख आते थे और बहुत बार  उन्हें मुसबितों का सामना भी करना पड़ा,एक घटना का जिक्र करते करते लॉर्ड वरुण धवन रो पड़े ,उन्होंने बताया कि एक बार दादा जी को अफ्रीकन कंट्री में जाना पड़ा अंग्रेज़ी को प्रोमोट करने के लिए पर अफ्रीकन लोगो को अपनी भाषा से बहुत प्यार था,दादा जी एक बार अफ्रीकन कम्युनिटी को लेक्चर दे रहे थे और उन्होंने जैसे ही गुड मॉर्निंग बोला तो अफ्रीकन लोगो को गुस्सा आ गया और उन्होंने दादा जी को ब्रेकफास्ट ना दिया और ना लंच , दादा जी डिनर से पहले ही वहा से चले आए और उन्हें आखिर समय तक अफसोस था कि उन्होंने गुड मार्निंग भी क्यों बोला पर अब मुझे खुशी है  यह देखकर कि अफ्रीकन लोग भी अब अंग्रेज़ी में लिख पड़ लेते है"

जब हमारे संवादाता द्वारा लॉर्ड वरुण धवन को जानकारी दी गई कि जम्मू में सीटू नामक व्यक्ति डोगरी प्रोमोट करते करते अंग्रजी भी प्रोमोट कर रहा है ,इस पर लॉर्ड वरुण धवन ने खुशी जाहिर की और पूछा जो दादा जी अफ्रीका में ना कर पाए वोह एक लड़के ने छोटी सी स्टेट जम्मू में  कैसे मुमकिन कर दिया, जब सौरव गांगुली द्वारा जानकारी दी गई कि सीटू को खुद डोगरी नहीं आती थी अच्छे से और वोह सबको बोलता था आओ सीखो डोगरी और फेसबुक,इंस्टाग्राम, यूट्यूब पे डोगरी में कॉमेंट ना करके इंग्लिश में कर देता था ,इससे दर्शन,तिलक,सतपाल नाम के व्यक्तियों ने जो डोगरी भाषा का अच्छा ज्ञान रखते थे उन्होंने भी अंग्रेज़ी भाषा सीख ली और वोह सोच रहे की कब लॉकडाउन खुले और वोह पासपोर्ट के लिए अप्लाई करें जिससे कि वह इंग्लैंड जाके लॉर्ड मैकाले की फैमिली से मिले और उनका आभार व्यक्त कर सके,यह सुनकर लॉर्ड वरुण धवन की आंखों से आंसू फूट पड़े और उन्होंने कहा आखिर दादा जी का सपना सच हो रहा है और वह वीज़ा में इनकी मदद करेंगे कहा वोह दर्शन,तिलक,सतपाल को खुद रिसीव करने जाएंगे और अपने घर रखेंगे और उनको थोड़ा और ज्ञान देंगे अंग्रेज़ी भाषा का और दादा जी की कुछ बुक्स भी उनको गिफ्ट्स करेंगे,ऐसा बोलते हुए लॉर्ड वरुण धवन बिना बाय बोले हमारे संवादाता को बाहर चले गए!

Thursday, May 7, 2020

दस घंटे लाइन में खड़े रहकर तीन शराब की बोतले खरीदने पे कीमती लाल का उसके मोहल्ले में हुआ जोरदार स्वागत



दस घंटे लाइन में खड़े रहकर तीन शराब की बोतले खरीदने पे कीमती लाल का उसके मोहल्ले में हुआ जोरदार स्वागत


दिल्ली: सरकार की तरफ से जैसे ही ऑर्डर आया कि शराब की दुकानें खुली रहेगी यह सुनकर कीमती लाल में जैसे जान ही आ गई थी,कीमती लाल दिल्ली का रहने वाला है और शराब कि दुकानें उसके घर से 100km दूरी पर थी पर कीमती लाल की बैचानी के पीछे 100km की दूरी भी रुकावट ना बन सकी ,कीमती लाल के पास पैसे भी खत्म हो चुके थे लॉकडाउन के चलते,कीमती लाल साईकिल का पंक्चर लगाने का काम करता है पर लॉकडाउन के चलते सब बन्द है और कीमती जिसको शराब की लत भी है पर लॉकडाउन के चलते उसको शराब नहीं मिल पा रही थी और उसने बहुत कोशिश की शराब कही ना कहीं से मिल जाए पर कही से कोई जुगाड ना हो पा रहा था,कीमती लाल ने हमारे संवादाता को बताया भावुक होते हुए कि एक दिन उसको उसके दोस्त सतपाल का फोन आया और उसने बताया कि उसके पास एक बोतल है शराब की, कीमती लाल पुलिस से बचते बचाते अपने दोस्त के घर पहुंचा शराब की बोतल लेने और बोतल ले भी ली थी पर जैसे ही वापिस आ रहा था तो रात हो चुकी थी और कुत्ते पीछे पड़ गए और उनसे बचने की कोशिश में बोतल टूट गई और कीमती लाल ने कहा उसने उस रात खाना तक नहीं खाया और रोता रहा पूरी रात को  और तब से दिन रात कभी छत के ऊपर और कभी घर के अंदर ही टहलता रहता हूं यह सोचकर की कोई खुदा का बंदा फोन कर दे और बोले बोतल का जुगाड हो जाएगा पर बहुत दिन हो गए थे कही से भी कोई फोन नहीं आया और कीमती लाल ने आगे बताते हुए कहा कि उसने हार भी मान ली थी पर एक दिन वह सो रहा था तो कुछ आवाजे सुनाई दी कि "शराब की दुकानें खुल गई ,शराब की दुकानें खुल गई" पहले मुझे विश्वास नहीं हुआ और मैंने झटपट टीवी ऑन कर दिया और वहा न्यूज़ देखकर पता चला कि न्यूज़ सच है और वह न्यूज़ सुनकर ऐसा लग रहा था जैसे भगवान ने बिना तपस्या किए वरदान दे दिया हो ,शराब की दुकानें फिर से बन्द ना हो जाए इसी डर से मैंने ठान लिया जब तक शराब कि बोतले नहीं लूंगा तब तक घर वापिस नहीं जाऊंगा

फिर क्या था कीमती लाल ने अपनी साईकिल ली और मोहल्ले वालो से पैसे का जुगाड किया और एक दिन पहले ही शराब कि बोतले लेने निकल पड़ा और उसने हमारे संवादाता प्रणव गोस्वामी को बताया साहब मुझे लगता था कि मैं ही पहला इंसान था जो सबसे पहले शराब लेने पहुंचा हूं मगर वहां पहुंचकर पता चला कि 8-10 दूसरे लोग भी अपना बोरिया बिस्तर लेके पहुंचे हुए थे और हम सब लोग पूरी रात जागते रहे और एक दूसरी की दुख भरी बातें सुनते रहे जो सबने गुजारी थी बिना शराब के,दूसरे दिन जैसे ही शराब की दुकान खुली तो मेरा नंबर 11 था ,पर सिर्फ 10 लोगों को ही 10 घण्टे लग गए शराब लेने में वह सब लोग ट्रक भर भर के शराब लेके गए पर मैंने सिर्फ 3 बोतल ली और मुझे बहुत खुशी थी ,कीमती लाल ने आगे गर्व से बताते हुए कहा कि उसके इस साहसी कदम को देखते हुए उसको कोरोन्ना वॉरियर्स कहकर मोहल्ले वालो ने उसका फूलों की बर्षा करके स्वागत किया